झारखंड में चल रही राजनीतिक गहमा-गहमी के बीच राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (Governor CP Radhakrishnan) आज रांची पहुंच गए हैं। 5 दिनों तक चेन्नई में रहने के बाद वे रविवार की शाम रांची पहुंचे।
झारखंड में तेजी से बदलते सियासी हालात पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने प्रतिक्रिया दी है। कहा है कि जिन लोगों ने कुछ गलत किया है, उनको परिणाम भुगतना होगा।
राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने 'हर घर तिरंगा' अभियान के तहत आज राजभवन के मुख्य द्वार 'हर घर तिरंगा' अभियान की इस प्रभातफेरी को झंडी दिखाकर रवाना किया
जहां कहीं भी जा रहे हैं, वहां सिंचाई की समस्याएं बताई जा रही हैं। इसे गंभीरतापूर्वक लिया जाएगा। सभी परियोजनाएं समय पर पूर्ण हो, ऐसा प्रयास होगा। यह बातें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को चतरा जिले के करमा पंचायत भवन में ग्रामीणों से संवाद के दौरान क
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन रविवार 30 अप्रैल को मोरहाबादी स्थित राज्यसभा सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के आवास पर पहुंचे।
राज्यपाल-सह-झारखंड के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति रमेश बैस ने विश्वविद्यालय में रिक्त पदों पर नियुक्ति करने तथा रोस्टर क्लीयरेंस की दिशा में तीव्र गति से कार्य करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के बाद से ही वे उच्च शिक्ष
प्राप्त जानकारी के मुताबिक पटना से डॉक्टरों की एक टीम भी दिल्ली गई है। गौरतलब है कि राज्यपाल फागू चौहान गुरुवार को बेहोश हो गए थे। आनन-फानन में उनको पटना के आईजीआईएमएस हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि प्रशिक्षण अवधि के बाद आप अपने जीवन की नई यात्रा आरंभ करेंगे। राज्य के विकास का अहम दायित्व आप पर रहेगा। इस राज्य को अपना मानते हुए, यहां के लोगों के प्रति सेवा भाव रखते हुए प्रदेश के विकास के प्रति सदा प्रतिबद्ध
राज्यपाल ने मोदी@ 20 पुस्तक के संदर्भ में कहा कि यह पुस्तक अत्यंत उपयोगी है। युवा पीढ़ी को यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए। ये किताब प्रधानमंत्री के विज़न को दर्शाती है। मेरी दृष्टि में, यह पुस्तक सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले लोगों का तो सदा पथ-प्रदर्शन
दरअसल, सियासी संकट के बीच जबसे राज्यपाल रमेश बैस दिल्ली गए, झारखंड के सियासी गलियारों में तरह-तरह की चर्चा हो रही थी। विपक्ष की तरफ से कहा जा रहा था कि राज्यपाल, बीजेपी (Jharkhand Bjp) के शीर्ष नेतृत्व से सलाह-मशवरा करने के लिए दिल्ली गए थे वहीं राजभवन (R
पत्र में लिखा है कि हमें ये जानकर और भी धक्का लगा है कि सभी समाचारों में ये बताया जा रहा है कि झारखंड के राज्यपाल द्वारा लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 तथा संविधान के अनुच्छेद-192 (ए) के तहत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधायकी रद्द करने की पूरी संभावना है औ
राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार की जघन्य व पीड़ादायी घटना राज्य के लिए शर्मनाक है। ऐसी घटनाओं से राज्य की छवि पर विपरीत असर पड़ता है। प्रदेश की जनता घर, दुकान, मॉल, सड़क कहीं भी सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं।